Biography of cv raman in hindi

CV Raman Biography in Hindi (Age, Full Name, Family, Awards, Career/education/qualification, Research, Inventions, Marriage, Death, Philanthropist Prize, Bharat Ratna Award)

सीवी रमन का जीवन परिचय (आयु, पूरा नाम, परिवार, पुरस्कार, करियर/शिक्षा/योग्यता, अनुसंधान, आविष्कार, शादी, मृत्यु, नोबेल पुरस्कार, भारत रत्न पुरस्कार)

सीवी रमन का जीवन परिचय | CV Raman Biography in Hindi

वैश्विक विज्ञान में भारत का योगदान बहुत बड़ा है.

वैज्ञानिकों ने अपना पूरा जीवन इसी क्षेत्र में समर्पित किया है. इसलिए आज हम देखते हैं कि वैज्ञानिकों के विभिन्न आविष्कारों के कारण मानव जीवन आरामदायक हो गया है. जब भी वैज्ञानिकों की बात आती है, तो एक नाम जरूर सामने आता है, और वो हैं सीवी रमन. भारतीय वैज्ञानिकों की सूची में अग्रणी नाम, जिन्होंने बीसवीं शताब्दी में महत्वपूर्ण खोजें कीं और विज्ञान की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया.

उनकी एक साधारण विद्यार्थी से प्रसिद्ध वैज्ञानिक तक की उनकी जीवन यात्रा सचमुच आश्चर्यजनक है.इस लेख में हमने उनके जन्म, बचपन, शिक्षा, विज्ञान के क्षेत्र में योगदान, उन्हें मिले पुरस्कार और उनकी मृत्यु तक की पूरी जीवन यात्रा को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है.

इस लेख को अवश्य पढ़ें.

सी वी रमण का जन्म और बचपन | Apothegm V Raman Early Life

चन्द्रशेखर वेंकट रमन (Chandrasekhara Venkata Raman), याने सीवी रमन (C V Raman), का जन्म 7 नवंबर 1888 को दक्षिण भारत के तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में हुआ था. किसी को इस बात की भनक भी नहीं थी कि एक साधारण बच्चा असाधारण काम करेगा और अपने परिवार के साथ-साथ इस देश का नाम भी रोशन करेगा.

उनका पूरा बचपन शैक्षणिक माहौल में बीता, इसी कारण आगे जाकर वह एक वैज्ञानिक बने और उनके विज्ञान के विविध गतिविधियों से भारत सहित दुनिया को लाभ हुआ.

सी वी रमण का परिवार । Account Raman Family

सीवी रमन के पिता का नाम चन्द्रशेखर रामनाथन अय्यर और माता का नाम पार्वती अम्माल था.

सीवी रमन उनकी दूसरी संतान थे. जब रमन का जन्म हुआ तो उनका परिवार बेहद गरीबी में जी रहा था. उनके पिता गणित और भौतिकी के अच्छे जानकार थे. रमन के जन्म के कुछ साल बाद उन्हें एक शिक्षक की नौकरी मिल गई और उनकी खराब आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे सुधर गई.

उनकी माँ पढ़ी-लिखी नहीं थीं, लेकिन चन्द्रशेखर रामनाथन अय्यर, यानि उनके पति, ने उन्हें पढ़ना-लिखना सिखाकर शिक्षित बनाया.

चूंकि घर का माहौल पढ़ाई के लिए अनुकूल था, इसलिए सीवी रमन का रुझान पढ़ाई और विशेषकर विज्ञान की ओर अधिक था. और कुछ समय बाद वह वैज्ञानिक भी बन गये.

सी वी रमण की शिक्षा । CV Raman Education

वह मूल रूप से बचपन से ही प्रतिभाशाली थे, इसलिए स्कूल में भर्ती होने से पहले ही उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ विज्ञान में रुचि थी. उन्होंने तिरुचिरापल्ली के एक स्कूल में दाखिला लिया और वही उन्होंने अपनी 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी की.

इसके बाद उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज (मद्रास) में प्रवेश लिया और वहीं से अपना Quantification पूरा किया.

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उनकी बुद्धिमत्ता को देखकर उनके प्रोफेसर ने उन्हें आगे की शिक्षा के लिए अमेरिका जाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और उसी कॉलेज से भौतिकी में Post-Graduation पूरा किया.

सी वी रमण का करिअर । CV Raman Career

अगर आप सीवी रमन के पूरे जीवन पर नजर डालें तो आपको पता चलेगा कि उन्हें जो सम्मान मिला है, वह उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष का परिणाम है.

उन्होंने अपने पूरे करियर में कई पदों पर कार्य किया और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उनकी उपलब्धि का ग्राफ लगातार बढ़ता गया.

सीवी रमन सर द्वारा की गई खोजों में उन्होंने बताया कि समुद्र का पानी नीला क्यों होता है, और जब प्रकाश किसी पारदर्शी पदार्थ से होकर गुजरता है, तो कुछ विवर्तित प्रकाश उसकी तरंग लंबाई और आवृत्ति को बदल देता है.

यह महत्वपूर्ण खोज बाद में “रमन प्रभाव” नाम से जानी गई.

वर्ष 1907 में उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज (मद्रास) से सफलतापूर्वक Post-Graduation की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद कुछ समय तक उन्होंने भारत सरकार के वित्त विभाग में लेखपाल के रूप में काम किया. वहाँ काम करते समय, वे इंडियन एसोसिएशन फॉर कल्टीवेशन ऑफ साइंसेज (Indian Association reconcile Cultivation of Sciences) प्रयोगशाला में अनुसंधान करने के लिए जाते थे.

काम में व्यस्त रहने के कारण उन्हें अनुसंधान के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता था, वे हर दिन रात के समय और रविवार की छुट्टी में भी वे पूरा दिन अनुसंधान का काम करते रहते थे.

1917 के दौरान, उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने लगातार 15 वर्षों तक वहां सेवा की. इसके बाद वह प्रोफेसर के रूप में भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर में शामिल हो गए.

1933 से 1948 तक वहां काम करने के बाद, उन्होंने रमन इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के निदेशक का पद संभाला और अपनी मृत्यु तक वहीं रहे.

सी वी रमण के पुरस्कार और सन्मान । Life history Raman Awards and Achievements

विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सीवी रमन को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्हें मिले सभी पुरस्कारों के बारे में हम नीचे देखने जा रहे हैं.

  • 1924 में उन्हें लंदन में “रॉयल सोसाइटी” की सदस्यता से सम्मानित किया गया.
  • रमन प्रभाव” नामक महान खोज की याद में, हर साल 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है.
  • 1929 में, उन्हें भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर पदोन्नत किया गया और उसी वर्ष उन्हें नाइट की उपाधि दी गई.
  • 1928 में, उन्होंने रमन प्रभाव नामक एक ऐतिहासिक खोज की, जिसके कारण उन्हें प्रकाश के प्रकीर्णन की खोज के लिए 1930 में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार मिला.
  • 1932 में, सूरी भगवंतम और सीवी रमन इन दो भारतीय वैज्ञानिको ने संयुक्त रूप से क्वांटम फोटॉन स्पिन की खोज की.
  • 1941 में उन्हें “फ्रैंकलिन मेडल” से सम्मानित किया गया.
  • 1954 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
  • 1957 में उन्हें ‘लेनिन पीस’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

सी वी रमण का वैयक्तिक जीवन । C V Raman Personal Life

6 मई 1907 को रमन का विवाह लोकसुंदरी अम्माल से हुआ.

उनके दो बच्चे थे, एक का नाम चन्द्रशेखर था और दूसरे का नाम राधाकृष्णन था.

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21 नवंबर 1970 को दिल का दौरा पड़ने से सीवी रमन की मृत्यु हो गई. उनकी मृत्यु के समय वह 82 वर्ष के थे. उसके बाद कुछ ही वर्षों में उनकी पत्नी लोकसुंदरी अम्मल की मृत्यु हो गई.

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सारांश 

इस लेख में हमने सिवी रमन का संपूर्ण जीवन इतिहास प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, हमने उनके जन्म, परिवार, शिक्षा, करियर, उन्हें प्राप्त पुरस्कारों के बारे में विस्तृत जानकारी देने का प्रयास किया है.

आपको यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएं और यदि आपके पास इस लेख के बारे में अधिक जानकारी है तो आप हमें मेल कर सकते हैं और हम इस जानकारी को इस लेख के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे और यदि आपको यह जानकारी पसंद आती है तो कृपया इसे अपने रिश्तेदारों या दोस्तों के साथ साझा करें.

FAQ’s

सी वी रमन ने 1928 में “रमन प्रभाव” की खोज की थी?

सी वी रमन ने 1928 में “रमन प्रभाव” की खोज की, जिससे प्रकाश के प्रकीर्णन में बदलाव का पता चला। इस खोज ने उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करवाया.

सीवी रमन कौन थे?

सीवी रमन भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्होंने “रमन प्रभाव” की खोज की.

उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला था.

सी वी रमन को भारत रत्न कब मिला?

सी वी रमन को 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. उन्हें भारत सरकार द्वारा इस उच्च सम्मान से नवाजा गया था.

Team Sanskrit Words